रमेश कुमार सोनी
शासकीय आदर्श उच्च. माध्यमिक
विद्यालय – बसना [ छत्तीसगढ़ ]
विश्व हाइकु दिवस पर विशेष हाइकु
१
वर्षा में लोग
ख़ुशी से झूमे – नाचे
बाढ़ में दुःखी ||
२
माँगी ममता
जन्मों बाद भी वही
भ्रूण में हत्या || - आयुष दूबे , ११ वीं
३
नया सबेरा
धूप का इन्तजार
पुस की भोर ||
४
बन्दर टोली
उछल – कूद करे
पेड़ डरते || - शरद डडसेना , १२ वीं
५
रोती है डाली
झरते पत्तों संग
विदा करती ||
६
जो न था कभी
उसी की तलाश में
जग भटके || - जीशु कनर , ११ वीं
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इन छात्रों को लिखते हुए मुझे जो एहसास हुआ वो इस हाइकु
के रूप में प्रकट हुआ –
१
धुंए के छल्ले
मौत की बल्ले – बल्ले
बूझ ले बंदे ||
२
राख बताती
आग की भूख ब्यथा
बस्तियाँ खा ली ||
३
दिन निकला
लोग घरों से भागे
पैसों के पीछे ||
- रमेश कुमार सोनी
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