शीत के हाइकु
१
धुंध जिंदगी
सूर्य उगे भागती
दिखा बत्तीसी ||
२
शीत है आती
धुंध श्वेटर डाले
नखरे वाली ||
३
शीत ने मारा
गर्मी बचाने दौड़ा
लिए अलाव ||
४
नाक जानती
ठण्ड कितनी पड़ी
रोते बहती ||
५
शीत नगर
धुंध बीच जिंदगी
सूझे तो बूझें ||
६
धुंध में पौधे
उनके आते खिले
छिपे ताकते ||
७
सर्दी में वन
सियार चिल्लाते हैं –
ठंड से बचा ||
८
भोर दूल्हन
धुंध घूँघट उठा
लजाते आती ||
९
शीत में पका
हरा से मीठा होता
पपीता प्यारा ||
१०
शीत का कर्फ्यू
पुस पुन्नी का चाँद
गश्त में फिरे ||
११
धूप से बातें
पुस सीखा जाती
ठण्ड रखिए ||
१२
घरों में घुसी
हाड़ कंपाती शीत
कम्बल ढूंढे ||
१३
शीत का डेरा
आगोश में दुनिया
हिम की वर्षा ||
१४
भोर ताकते
पशु – पक्षी भी काँपे
कोहरा ठगे ||
१५
टमाटर जी
दो सौ वाला दस में
ठण्ड सिकोड़े ||
१६
शीत मौसम
ठंडा पानी डराए
नहाते डरे ||
१७
कोहरा चीर
वाहन बढ़ चले
बर्फ ने रोका ||
१८
ठण्ड में बच्चे
उठने के नखरे
सूर्य भी डरे ||
१९
पानी खोजते
बर्फ गाँव के लोग
प्यास ना थमे ||
२०
जेठ की गर्मी
पुस में चाहे लोग
अजीब माँग ||
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