प्रीत के हाइकु

प्रीत के हाइकु

१  
दिल बुझाने
दमकल भी थका
ढूंढो वो कौन ?

कोई ना जाने
मोहब्बत का पता
बस हो जाता ||
३  
चाँद देखने
दर्दे दिल निकले
आहें भरते ||

मीत के गाँव
इमली मीठी लगे
प्रीत का स्वाद ||

आँखों की भाषा
मौन से मौन तक
प्यार ही प्यार ||

प्यार का मौन
ढिंढोरा पिटवाता
गली – मोहल्ला ||

७  
दीवारें छोटी
रस्मों , खानदानों की
प्रेम दीवानी ||


८  
अकेली बाला
दुपट्टा उड़ा देती
बेशर्म हवा ||

९  
प्यार चाहता
रिश्तों का पनघट
बरसो मेघा ||

१०  
अथाह आँखें
डूबो देती दुनिया
मैं भी ना बचा ||

११
पिया रिझाने
सजे नव यौवना
रूठे – मनाने ||

१२  
करवा चौथ
दो चाँद बीच फँसा
दोनों अच्छे हैं ||

१३  
प्यार में सौदा
दर्द का लेना – देना
प्यार से निभा ||

१४  
प्यार की बातें
मौसम जो बदले
वो भी बदले !!





2 comments:

  1. Preet ke anokhe rangon se range jag sara, yahi kamana. Umda haiku ke liye badhai.

    ReplyDelete