मेघों के हाइकु

मेघों के हाइकु

शैतान बड़े
मानसून के बच्चे
बूंदों से छेड़े ||

सावनी कर्फ्यू
मेघ – बूंदों का गश्त
सूर्य भी अस्त ||

मेघ चिढ़ते
छाते का काला झंडा
उड़ा ले जाते ||

मेघ को भेजे
खारा समुद्र प्यासा
नदी बुलाने ||

मेघों को कोसे
बाढ़ गाँव के लोग
अतिथि जाओ ||

कांस जो फूले
श्वेत ध्वजा देख के
मेघ लौटते ||

बूंद जो उड़े
नदी मार्ग से लौटे
समुद्री घर ||

मेघ बरसे
हरा संकेत देख
वन आँगन ||

उदास मेघ
झील भर के रोते
काला ही दिखे ||

१०
मेघ उत्पाती
भू – स्खलन , बाढ़ से
रखते यारी ||

११
घन का मन
देश – विदेश घूमे
वन में रमे ||



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