पहली बार
क्या तुमने कभी पहली बार
बारिश की फुहार में
भीगने का मजा लिया है?
किसने बताया था-मजा आएगा ?
क्या तुमने कभी पहली बार
आम पर निशाना साधा है?
किसने तुम्हें सिखाया पत्थर मारना चाहिए?
क्या तुमने कभी पहली बार
अपने पसीने को टपका कर
चार पैसे कमाने की खुशी पाई?
किसने बताया कि-
पसीने की कमाई से खुशी मिलेगी?
खेतों को झूमते देख
पहली बार
तुम्हारा मन कब हर्षाया था?
किसने कहा था कि-
खुशी से नाच उठो ?
लेकिन पहली बार जब
तुमने बंदूक उठाकर
चार लोगों को भून दिया,
तब उनके बिलखते
परिजनों को देख
क्या तुम्हें उतनी ही खुशी मिली?
तुम्हें किसने बताया था कि-
खुशियाँ ऐसे भी मिलेगी?
ऐसा बहुत बार तुम्हारे साथ
पहली बार हुआ होगा ?
क्या तब हर बार
तुम ही तय करते रहे हो
कि खुश रहें या नाखुश
या कि हर बार तुम
दूसरों की उँगलियों के इशारों पर
नाचते रहे हो?
हर व्यक्ति को अब
दूसरे व्यक्ति से बचना ही होगा,
ज़माना उस दूसरे व्यक्ति की
तलाश में सदा से है।
.....
रमेश कुमार सोनी
रायपुर, छत्तीसगढ़
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