1
बच्चों के स्वप्न
परी , खिलौने , जादू
तोतले सारे.
2
भूख की नींद
स्वप्न छेड़ते डरे
भोर जगाते .
3
धरा दिखाती
टेसू की लाल ध्वजा
पानी का खात्मा.
4
माँ जो साथ है
डर का बाप डरे
माँ को बताऊँ?
5
बच्चे शर्माते
टूटे दाँत छिपाते
चिढ़ते-रोते.
6
नहीं है, वो है
जो है , वो भी नहीं है
प्यार ही तो है.
7
प्रेमी बहके
बागीचे भी शर्माते
लोग ठिठके .
8
भूखे भेड़िए
गर्म गोश्त ढूँढते
उम्र ना देखे.
9
रिश्तों की माया
स्वार्थ का हठयोग
लोग फँसते .
10
कृषक पेट
सेठ ने नोट बोया
तिजौरी भरे.
11
सदा खुला है
बुढ़ौती का गुल्लक
खनक जिंदा.
..... .....
रमेश कुमार सोनी
रायपुर -छत्तीसगढ़
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