चिड़िया की दुनिया……
चिड़िया दिखा देती है अपने चूजे को -
नीले आकाश की असीम रहस्मयी विस्तार ,
झील , नदी , पर्वत , जंगल के किस्से
सागर की अतल ख़ामोशी
इंसानी करतूतों की दुनिया |
एक दिन उड़ जाता है चूजा -
घोंसला और सिखाने वाले को छोड़कर ;
मैंने परिंदों की दुनिया में कभी नहीं
देखा कि –
चिड़िया ने कभी कोई नियम तोड़ा हो |
हाँ चिड़िया फिक्रमंद जरुर है
तभी तो वह चूजे को पूर्ण शिक्षा देती
है
वह डरती है कि कहीं –
कोई चूजा बंदूक ना उठा ले !!
कही वह बेरोजगार ना हो जाये ,
कहीं वह भीड़ में खो ना जाये !
चिड़िया चूजे को नदी बनाकर
अंतर्ध्यान हो जाती है |
पहाड़ अब भी वहीँ खड़े हैं
लोग वृद्धाश्रमों में
यह कहानी सुन – सुना रहे थे ;
चिड़िया हर हालत में चूजे को सिखाती
है कि –
जिंदगी के सभी लफड़े – झगड़े से दूर
सबका चारा समभाव से चुगना और
भोर - साँझ में भजन करना
आदमी चिड़िया से सीखता क्यों नहीं ....
?
................ ........................
No comments:
Post a Comment