ताँका
1
कोई ना बचे
फागुन रंगरेज़
रंग बरसे
पिया गली में भीगा
मन नशीला हुआ ।
2
रंगों में हँसी
इन्द्रधनुष दिखी
चौन्धिया गया
रंग डालना भुला
धत बोल भागी ।
3
होली का हल्ला
ढूँढे सखी की टोली
लिए नंगाड़े
श्याम कौन रंगेगा ?
चढ़ा ना रंग दूजा ।
4
पहचाना क्या ?
रंगी - पुती है काया
पिया जी चीन्हे
प्रीत का रंग पक्का
बची ना फगुनवा ।
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वाह गुरुवर बहुत खूब, भावपूर्ण तांका , आपको होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं
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