होली के हिंदी ताँका

ताँका 
कोई ना बचे 
फागुन रंगरेज़ 
रंग बरसे 
पिया गली में भीगा 
मन नशीला हुआ । 

रंगों में हँसी 
इन्द्रधनुष दिखी 
चौन्धिया गया 
रंग डालना भुला 
धत बोल भागी ।

होली का हल्ला 
ढूँढे सखी की टोली 
लिए नंगाड़े 
श्याम कौन रंगेगा ? 
चढ़ा ना रंग दूजा ।

पहचाना क्या ? 
रंगी - पुती है काया 
पिया जी चीन्हे 
प्रीत का रंग पक्का 
बची ना  फगुनवा ।
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1 comment:

  1. वाह गुरुवर बहुत खूब, भावपूर्ण तांका , आपको होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं

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