छत्तीसगढ़ी ताँका


1
बहिनी दीदी
रेंहचुली झूलयँ  
मड़ई मेला
हँसी ठट्ठा के बेरा
बेनीफुल मताय ||

2
पेट कनिहा
मितान बद लीन
भूख के गाँव
दुनो मिल खनयं
बासी बर खनती ||

3
भिर कछोरा
कुकर्मी ला भगाव
हाँका पारव
टूरा ल संभालव
नोनी ल पढ़ावव ||

4
चिन्हारी ले जा
मोर दुध मोंगरा
मया मुंदरी
चना बारी मं आबे
ददरिया सुनाहूँ ||

5
चूल्हा के राख
मरघट के राख
मितान होथे
एक भूख जियाथे
दूसर मिटा देथे ||


6
अगास दिया
देवारी ढील दिस
पुरखा बर
सुरता के अँजोर
गाँव भर बगरे ||

7
घुचय नहीं
लोकड़हीन दाई
चिमट देथे
भउजी ल देखबो
हमर नवा संगी ||

8
सेल्फी ले बर
चकचकी बगरे
बोजा जावथें
आघु पीछु देखव
अलहन आवथे ||

9
दाई सिंगारे
नांगमोरी , पंईरी
पुन्नी के चन्दा
बनुरिया , मुंदरी
हरियर अँचरा ||


10
गाँव के गुड़ी
पंडवानी सुनथें
कथरी ओढ़े
हव कहय रागी
खोंचे टेड़गा चोंगी ||

11
गेड़ी मं रेंग
सावन के हरेली
चिखला माते
सना जाही चोला
काजर के खोली हे ||

12
पुरखा गाँव
छुट्टी सुरता आथे
मया आरूग
बूढ़ीदाई के कोरा
अगोरा मं बईठे ||

13
गियाँ रेंगय
गाँव खोर माहके
बंरोड़ा उठे
लुका जाव मितान
अन्धरौटी हो जाही ||

14
बरी , बिजौरी
कातिक के नहाना
पावन कोरा
फेसन मं नंदागे 
गवंई के अंजोर ||

15
साक्षर होगे
लिगरी लिखे बर
परोसी दाई
कोन , कहाँ भागिस ?
जमाना ख़राब हे !!

16
तरिया सुक्खा
कुआँ खड़े पियासे
पानी बेचा गे
ओगरा ल चाटथे
बोरिंग सउत हे ||

17
चटनी होथे
रंगबदलू मिर्चा
पताल संग
अपन रद्दा रेंग
हरियर रहिबे ||

18
हमर गाँव
काकी , भउजी , दीदी
जब्बर नता
तिहार ले मड़ई
ख़ुशी बगर जाथे ||

19
कोलिहा हूंर्रा
जाड़ मं नरियाथे
भुर्री तापबो ;
सुरुज ह लुकाय
पुस ह जुड़हा हे ||

20
ठट्ठा दिल्लगी
दफड़ा , मोहरी के   
मड़वा खाल्हे
फुंदरा के पगड़ी
समधी के उच्छाह ||
 ....    ......












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