प्रीत के हाइकु




प्रेम बिरवा
मन आँगन उगे
चाहें ना चाहें ||

प्रीत की बातें
हारे वही जीतता
संत बताते ||


3
इश्क का भांडा
फूटे गली – मोहल्ला
चर्चा का दंगा ||


4
दिल कम है
दिलदार विरले
प्रेम दुनिया ||


5
प्रिय देखने
आइना मचले है
क्या तासीर है ?

6
पिया बाग़ में
फूल शर्म से छिपे
वही खिले है ||

7
रोता कोई है
आंसू कहीं टपके
प्यार के कस्बे ||

8
प्यार का दिया
आंधी – तूफान डरे
दिल जलाता ||


9
मन आँगन
यादों की छमाछम
छले सनम ||


10
कम ना ज्यादा
इश्क में ना कायदा
सर्वस्व त्यागा ||


11
प्यार खामोश
जग शोर करता
आधी गागर ||


12
मासूम दिल
कहर ढाती जुल्फें
उड़े तो फंसे ||



 13
पत्र प्यार का
सुर्ख होठों के निशां
दिल में छपा ||



14
नाजुक पैर
नर्म दूब से जले
प्यार कथाएं ||


15
प्यार की बेड़ी
भ्रम में नयी पीढ़ी
क्यों हड़बड़ी ?


16
आईना टूटा
हूस्न के दीदार से
सब्र छलका ||
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