हाइकु की दुनिया
१
दस्तक बिना
हवा बेखौफ घुसी
घूमने आती ||
२
चाहे ना चाहे
गंध अतिथि जैसे
घुसे पड़ते ||
३
सुनाने दौड़ी
ख़बरें लादी हवा
बूझ लें भाषा ||
४
हवा बंजारे
पता ढूंढते फिरे
कांक्रीट गाँव ||
५
बेल फले हैं
ग्रीष्म दोष मिटाने
शर्बत पी लें ||
६
ग्लोबल गर्मी
वृक्ष शरण बैठी
दुनिया सारी ||
पानी बचाओ
सिर्फ गर्मी का हल्ला
वर्षा में चुप्पी ||
८
गर्मी की रात
आँगन खाट लगे
किस्सों में गाँव ||
९
जेठ की धूप
धूल बन उड़ती
उर्वरा मिट्टी ||
१०
शिकंजी पीने
जेठ – बैशाख आते
प्याऊ में खड़े ||
११
फूलों की लाज
काँटे रक्षक बने
छुओ तो चुभे ||
१२
फूलों की डाली
निडर प्यार बाँटे
शान से तनी ||
मोंगरा खिले
गोरी जूड़े में सजे
पिया बहके ||
१४
पीली कनेर
सड़कों बीच खड़ी
लिफ्ट माँगते ||
१५
पीले फूले हैं
तरोई औ कुम्हड़ा
काँटों अटका ||
१६
रेत में उगे
तरबूज बैठा है
पालथी मारे ||
१७
जामुन काला
औषधि गुण भरा
बिके महँगा ||
१८
भूख मिटाने
फले पेड़ झुके हैं
निःशुल्क सेवा ||
१९
फूल खड़े हैं
फलवती की इच्छा
टूट से डरे ||
२०
समुद्री झूले
बाल सूर्य झुलाते
खुश लहरें ||
२१
खाली हाथ ही
सूर्य का आना – जाना
जग की आत्मा
||
२२
सांझ के घर
सूर्य के घोड़े रुके
रात सुस्ताते ||
२३
हवा के यार
मेघ , धूप , बयार
सदैव रार ||
२४
वट की छाँव
धूप , हवा औ रिश्ते
सबके गाँव ||
२५
बेर बुलाते
काँटा पैर चुभाते
जीभ चटोरी ||
२६
पेड़ संत हैं
सब लुटाते खड़े
कुछ ना माँगे ||
.........
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