इन्द्रधनुषी हाइकु
१
वन ना छूटा
घर के खाली कोने
झूमे हैं पौधे ||
२
नदियाँ सखी
मरुस्थल अकेला
सागर मिली ||
३
झील में शांत
नटखट चन्द्रमा
दर्पण दोस्त ||
४
हाइकु कूची
शब्दों को रंग देती
प्रकृति जैसी ||
५
सीखना सभी
मुस्कुराने की अदा
झुकते सभी ||
६
धुंए के छल्ले
मौत की बल्ले – बल्ले
बूझ ले बंदे ||
७
खूंटी में टंगे
वक्त को ब्याज देते
पंचांग पन्ने ||
८
दिन निकला
लोग घरों से भागे
पैसों के पीछे ||
९
बेटी की हत्या
भाई बदला लेता
आश्रम भेजे ||
१०
पैसा संस्कृति
गाँव का पलायन
सभ्यता रोती ||
११
कोई आएगा
गुलमोहर झरे
कौवा पुकारे ||
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