आध्यात्मिक हाइकु
१
कर्मों की माया
संसार पीछे दौड़ा
बूझ ना पाया ||
२
क्या तेरा – मेरा
आनी – जानी दुनिया
मुस्कुरा लेना ||
३
मुस्काते रहें
हर्ष देता उत्कर्ष
साथी मिलते ||
४
दुनिया यज्ञ
मन के घोड़े दौड़े
थामे तो युद्ध ||
५
प्रेम बिरवा
सदा रहे सधवा
क्यों है बलवा ?
६
किस्से बनते
समस्या ना सुलझे
क्रोध दुनिया ||
७
वक्त का बीन
जन्म – मृत्यु का धुन
जीवन मेला ||
८
सांसों की आस
सदा रौशनी जीते
भोर विश्वास ||
९
स्याह जेबों में
उजाले गिरवी हैं
ब्याज माँगते ||
१०
मृत्यू मिलाती
जन्मों का फेरा ख़त्म
प्रभू – आत्मा से ||
११
बिना आरजू
कट गयी जिंदगी
काल तराजू ||
१२
सृष्टि का लिखा
प्रेम ,भक्ति से निभा
मौत सौतन ||
१३
भाग्य में लिखा
कब हँसना – रोना
कर्म से भाग्य ||
१४
मौत बहाना
प्रभू मिलन बेला
जिंदगी रोड़ा ||
१५
इश्क बंदगी
प्रभू शरण पाया
राह मोक्ष का ||
१६
मन में घृणा
ज्वालामुखी धधके
राख ही बचे ||
१७
मुसाफिर हूँ
जग बीच भटका
पतंग कटी ||
१८
उजाला देखो
अँधेरा पाले बैठा
निंदक न्यारे ||
१९
चादर मैली
चार दिन ना चली
रंग दे कान्हा ||
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