दुःख – दर्द वाले हाइकु

दर्द के आँसू 
जब कलम लिखे
सिसकी पढ़े ||

 
दर्द नगरी
आँसू, आहें , सिसकी
एक मौसम ||

 
पीर जो पाला
साधु – मलंग हुआ
दुआ बाँटता ||

 
दर्द बाज़ार
गिरेबान झाँकते
जेब से डरे ||

 
दर्द निभता
हँसी – ख़ुशी से सदा
इश्क की गली ||

 
बूढ़े वक्त की
भीड़ भरी है अर्थी
शेष तन्हाई ||
सहो तो जानें
वृद्धों का दर्द कभी
बाँटा क्या कभी ?

नीम का दर्द
गाँव हो या श्मशान
खड़ा अकेले !!

 
ख़ुशी गुम है
अकेलों की दुनिया
एकांगी मार्ग ||

१०
दुःख दौलत
दिल गुल्लक छोटा
बाढ़ सा भरा ||

११ 
ब्यर्थ ना बहा
हीरे – मोती हैं आंसू
बड़े मँहगे ||

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