दीपावली विषयक ताँका-शुभ दीपावली 

1

माटी बिकती

माटी ही खरीदते

माटी के मोल

रौशनी हँस पड़ी

पतंगे जल गए। 


2

कुटिया भूखी

रौशनी चली जाती

पैसों के घर 

सम्मान को तरसी

बूढ़ी माँ सी उदास।


3

पैसों का मेला

हवेली ही फोड़ते

खुशी पटाखे

कोई देखके खुश 

कोई बेचके खुश।


4

ड्योढ़ी सजी है

रंगोली भी पुकारे 

श्री जी पधारो

रौशन है आँगन

खुशियों की दीवाली।


5

जेब उछले

दीवाली है मनाना

दिवाला होगा!

छूट की लूट सजी

बाजार बुलाते हैं।


6

दीवाली आई

मॉल की बाँछे खिलीं 

पैकिंग ठगे

मावा में मिलावट

मरीज भी बढ़ते।


7

रौशनी पर्व

अँधेरा छिप जाता 

दीया के नीचे 

कीटों की फौज बुला 

आज़ादी चाहता है!


8

आई दीवाली 

सब कुछ नया है 

उमंगें गातीं 

सिर्फ लोग पुराने

किस्से जवान हुए। 


9

बधाई बँटी 

गिफ़्ट सैर को चले

घर से घर 

कल कूड़ा उठाने 

झोंपड़ी जल्दी सोयी।


10 

आग डराती 

पेट या पटाखों की

दुविधा बड़ी

पेट खोजे मजूरी 

मन खोजे पटाखे।

……….

रमेश कुमार सोनी

रायपुर, छत्तीसगढ़

7049355476 









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