1
माँ जैसी सास
बेटी के लिए ढूँढे
बहू की सास ।
2
चोर - पुलिस
बच्चों के कानून में
नहीं रिश्वत ।
3
सागर जाने
राज़ खारेपन का
वो नहा गई ।
4
चाँदनी रात
नौका विहार करे
मेरा चाँद भी ।
5
सूखे तालाब
क्रिकेट पिच बने
गर्मी छुट्टी में ।
6
बंद पिंजरा
सिखाया तोता बोला
उड़े तो गाता ।
7
वो जो हँस दें
बसंत खिल उठे
कब हँसोगी ?
8
हड्डियाँ दिखा
भूखे पेड़ पुकारे
बसंत आओ ।
9
बासंती जूड़ा
रंग, बिरंगे फूल
दिल ले उड़ा ।
10
लू, बाढ़, ठंड
बैरी मौसम मारे
चुन -चुन के ।
11
भोर स्वर्ण सी
दिन चाँदी ही चाँदी
हम रईस ।
12
विज्ञानी माया
परखनली बच्चे
कोख का सौदा !!
13
सर्दी की शाम
मफलर घूमते
गप्पें हाँकते ।
14
बगुले बैठे
मछलियाँ तड़पीं
ध्यान लगाने ।
15
वट की लटें
धरा छूने निकली
बच्चे झूलते ।
16
आँसू हँसते
माँ जो पुचकारती
दुःख अच्छे हैं ।
17
मीठे पानी के
काले बादल बने
सागर खारे ।
18
घूँघट आँखें
सपने कैसे देखें ?
भोर भी काले ।
19
रेत के घर
गृहस्थी सीखे बच्चे
बसे - उजड़े ।
20
ठूँठ के गाँव
फंदों में झूले लोग
कर्ज़ के पेड़ ।
21
बुजुर्ग पत्ते
दुनिया छोड़ चले
माया ठगती ।
22
कागज नाव
भाव पार उतरे
खेलते बच्चे ।
23
धूप हाँफती
भोर से सीढ़ी चढ़े
पीले से लाल ।
24
रिश्तों के गाँव
सदा लम्बी है छाँव
रुतबा बड़ा ।
25
प्यासा वो मरा
समुद्र था शर्मिंदा
पानी बिकाऊ ।
……
रमेश कुमार सोनी
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