1
घास ना
तुच्छ
ऑक्सीजोन
का मूँछ
उगे
ऐंठते |
2
निडर
घास
कुचले,
नहीं मरे
हरी ही
दिखे |
3
शीत के
घास
ओस
भीगा बदन
बने
हैं खास |
4
शरद
ऋतु
बूढ़े
हो गए घास
फूले
हैं कांस |
5
गर्जते
मेघ
उगाते
हरी घास
धरा का
जादू |
6
मन
चाहता
घास सा
हरा होना
दूब
बनना |
7
हरित
घास
देखे
कीड़ों का रास
करती
हास |
…… ……
No comments:
Post a Comment