खुशियों वाले हाइकु

रिश्तों का साथ
ख़ुशी के गाँव तक
बहाने बड़े ||

ख़ुशी की परी
मिले तो चिन्हें कैसे ?
भीड़ शहरी ||

ख़ुशी की गली
बैंड - बाजा , बारात
प्रेम से बजी ||

लौटी खुशियाँ
दर्द आहट सुन
रोती सखियाँ ||

सुख का बीन
मौज – मस्ती के नाग
झूमे तल्लीन ||

ख़ुशी का पता
संघर्षों वाला रास्ता
प्रीत मोहल्ला ||

मायके आती
ख़ुशी बेटी के जैसी
नहीं रूकती ||

ख़ुशी अतिथि
उल्टे पाँव लौटती
नहीं टिकती ||

जल्दी भागते
ख़ुशी के नन्हें पाँव
दुःख के गाँव ||

१०
ख़ुशी का मृग
जीवन मरीचिका
प्यासा ही रहा ||

११
दर्द के गाँव
ख़ुशी की चिट्ठी आयी
बैरंग लौटी !!

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