हाइकु

 




1

दिल परिंदा

फँसे, फड़फड़ाए

नैनों की जाल। 

2

रोता है कोई

आँसू कहीं टपके

प्यार के कस्बे। 


3

प्रेम की छाँव

मिले तो दौड़े पाँव

गीत के गाँव। 

4

नज़र लगी

आँखों से आँखों को

कैसे बचाते। 

5

उनकी चिट्ठी

अर्थ कई निकले

प्रेम जो बाँचे। 

6

बातें बताई

बातों से बातें बनी

प्रेम की बातें। 

7

प्रेम का रंग 

रंग-रंग में रंग

हमसा रंग।


8

तन इधर

मन है उस छोर 

प्रेम की डोर। 

9

नहीं है, वो है

जो है, वो भी नहीं है

प्यार ही तो है। 

10

मन की बातें

मेहंदी बन रची

प्रीत महकी। 

11

दिल जो गुमा

दिल के पास मिला

प्यार सहेजे। 

12

नून बहुत

इशारों की भाषा में

बूझे-इश्क़िया। 

13

प्रेम की गली

दिल वाला ही गया

‘अबूझमाड़’। 

14

दिल का हाट

कभी देखा ही नहीं

प्यार का ठाट। 

15

प्रेम निर्भय

भक्ति की चीर बढ़ी

दौड़ते-कान्हा। 

…..


रमेश कुमार सोनी 







No comments:

Post a Comment