हिंदी हाइकु



1

'डाब' में स्ट्रॉ-दो 

लहरें मचली हैं 

प्यार का 'बीच'। 


2

गुलाब-कली

जूड़े में इतराए 

प्यार की सत्ता। 


3

शब्द महके 

प्रेम पत्र जो पढ़ा 

दिल की भाषा। 


4

आँखों ने कहा

आग लगे जग को 

आँखें समझे। 


5

दिल जो गुमा 

दिल के पास मिला

प्यार सहेजे। 


6

प्रेम की गली 

दिल वाला ही गया

'अबुझमाड़'। 


7

प्रेम की माया 

कोई ओर ना छोर

संकरी गली। 


8

प्रेम जो हुआ 

दिलों के तार जुड़े 

प्रेम निभाता। 


9

प्रेम की आग 

प्रेम से ही बुझता 

बूझो तो बुझे। 


10 

वर्षा-फुहारें 

भुट्टा खाया हमने

प्यार में भीगे। 


11

प्रेम के गाँव 

ख़ामोशी पसरी है

आँखें बोलतीं। 


12

गजरा खुश 

प्रेम महक गया 

प्रेम-शृंगारे। 


13

वो जो हँस दें 

बागों के दिल खिले

प्रेम महके। 


14

होश ले गई 

इश्क की बैरी हवा 

आँखों का जादू। 


15

लजाती-आँखें 

होंठ चूमें-अलकें 

हवा की शोखी  ।


16

ज़ुल्फ़ों की अदा 

इश्क़ का रंग चढ़ा 

यार-बेसुध। 

…..

रमेश कुमार सोनी

'अक्षरलीला'-रायपुर, छत्तीसगढ़





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