छत्तीसगढ़ के पहले हाइकुकार रमेश कुमार सोनी -गिरीश पंकज

छत्तीसगढ़ के पहले हाइकुकार रमेश कुमार सोनी -गिरीश पंकज

पेड़ बुलाते मेघ हाइकु संग्रह का विमोचन
रायपुर ,  छत्तीसगढ़ में हिंदी के पहले हाइकु कार रमेश कुमार सोनी जी  बसना की दूसरी हाइकु कृति पेड़ बुलाते मेघ का विमोचन कर अभिभूत हूँ कि आपने हिंदी हाइकु में आज फिर से एक नया मानक स्थापित किया है । आपके इस हाइकु संग्रह में विविध उपखंडों के साथ लगभग 700 हाइकु शामिल हैं जिनमें बिल्कुल ही नयापन है अद्भुत संवेदनाओं के साथ इसमे छत्तीसगढ़ के मिट्टी की खुशबू भी रची बसी है । हाइकु एक जापानी विधा है जिसे हिंदी ने अपनाकर अपने रंग रूप में ढाल लिया है यही हमारी हिंदी और राष्ट्रीयता की विशेषता है जिस पर हमें गर्व है।  आपके हाइकु में प्रकृति , आध्यात्म , वर्तमान मानवीय मूल्यों एवम कलात्मकता का एक विहंगम सौंदर्य है । आपके कई हाइकु का उल्लेख करते हुए उपरोक्त उद्बोधन गिरीश पंकज प्रख्यात साहित्यकार ने पंडित माधव राव सप्रे जी की जयंती के अवसर पर आपकी कृति की समीक्षा करते हुए ब्यक्त की ।
इस अवसर पर मंच में मुख्य अतिथि प्रो सूरज बहादूर थापा , लखनऊ वि वि , अध्यक्षता -डॉ के एल वर्मा कुलपति पं रविशंकर वि वि रायपुर , विशिष्ट अतिथि - जगदीश उपासने कुलपति पं माखन लाल चतुर्वेदी वि वि भोपाल थे । आप सभी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे ।
सप्रे जयंति के अवसर पर विमोचन , सम्मान एवम परिचर्चा का वृहत आयोजन  संस्कृति भवन रायपुर में किया गया । इस आयोजन में उपस्थित सभी अतिथियों ने समवेत रूप से पेड़ बुलाते मेघ का विमोचन किया तथा अपनी बधाइयाँ दी । ज्ञात हो कि आपकी पहली हिंदी हाइकु संग्रह रोली अक्षत , छत्तीसगढ़ की  पहली हाइकु संग्रह है ।
पेड़ बुलाते मेघ की भूमिका प्रख्यात हाइकुकार डॉ सुधा गुप्ता मेरठ ने लिखी है वहीं आवरण पृष्ठ का आकर्षण के रविन्द्र प्रसिद्ध चित्रकार ने उकेरा है । इसके फ्लैप पर पारितोष चक्रवर्ती एवम डॉ सुधीर शर्मा ने अपने अभिमत लिखे हैं । इसके प्रकाशक सर्वप्रिय  प्रकाशन नई दिल्ली हैं ।
इस अवसर पर तेजिंदर गगन , डॉ जे आर सोनी , बद्री प्रसाद पुरोहित , लोरिश कुमार , मनहर चौहान , डॉ उर्मिला शुक्ला ,डॉ रामकुमार बेहार , रामकुमार तिवारी , पद्मश्री अरुण शर्मा , प्रकाश मंगलेश सोहनी , उत्तर बारीक , सच्चिदानंद उपासने ,डॉ सुशील त्रिवेदी , पारितोष चक्रवर्ती सहित कई साहित्यकारगण एवं हिंदी के शोध छात्र छात्राएं उपस्थित थे ।
रमेश कुमार सोनी

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